बी०के०टी के ग्राम पंचायत सुवंशीपुर में मनरेगा में बच्चों से कराया जा रहा है काम
संवाददाता बृजेन्द्र कुमार
लखनऊ :– कांग्रेस के जिस योजना की खुद प्रधानमंत्री ने प्रशंसा की, उस योजना में पलीता लगाया जा रहा है,देश की सबसे बड़ी विकास योजना के नाम से मशहूर मनरेगा अब ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच रहा है, इस योजना में ग्राम प्रधान और उसके जिम्मेदार अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। मामला राजधानी के बक्शी का तालाब तहसील के अंतर्गत ग्राम सभा सुवंसीपुर का है,जहां पर तालाबों के पुनरुद्धार के लिए मनरेगा योजना द्वारा कराए जा रहे काम में नाबालिक बच्चों को मेहनत मजदूरी करते हुए देखा गया है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि एक ओर बाल श्रम पर हिंदुस्तान के कानून में सजा और प्रतिबंध का प्रावधान है।वही सरकारी योजनाओं में नाबालिग बच्चों द्वारा काम किए जाना कहीं ना कहीं योजना में भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है । क्योंकि ग्रामीणों की शिकायत रहती है कि ग्रामप्रधान मनरेगा का काम या उनके जॉब कार्ड से नाम काट दिया है, जिसकी वजह से मजबूरी में वह पलायन करने को विवश है। ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए ही मनरेगा योजना को लागू किया गया था,लेकिन इस ग्राम के प्रधान की करतूत ने पूरी योजना पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। एक सरकारी योजना और सरकार का पैसा और सरकार की जमीन यही नहीं सरकार के द्वारा ही लगाई गई रोक और सजा एक ग्रामप्रधान के आगे नतमस्तक दिखाई दे रही है जो नाबालिक बच्चे को काम पर रख दिया।
मनरेगा में काम करने वाले बच्चे का जॉब कार्ड बना है और यदि बना है तो यह तो बहुत ही बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। यदि नहीं बना है तो यह बच्चा किसके कहने पर अपना खून पसीना बहा रहा है। इन सब के बीच में सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि इस बच्चे की मेहनत के बाद मजदूरी किस हिसाब से मिलेगी, क्योंकि जब कार्ड ही नहीं बना तो बच्चे को मजदूरी करने का कार्य कैसे मिल गया और अब इस बच्चे को नाबालिग दिखाकर क्या सरकार के खजाने से पैसा निकाल कर नाबालिग की मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। जिसके कारण यह ग्रामीण इलाका और भी पिछड़ता जा रहा है ।आखिरकार किस कारणवश नाबालिक बच्चे से कार्य करवाया गया,अब इन सब चीजों के बीच में एक बात तो आमंजनमानस के समझ में आ ही जाती है कि सरकारी जांच किस स्तर पर चलती हैं । हो सकता है कि वर्तमान प्रधान पूर्व प्रधान हो जाए और उनकी जांच जारी ही रहे। लेकिन सरकार को जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई आखिर कौन करेगा जब नाबालिक बच्चों से काम करवाने का कोई आदेश ही नहीं है और नाबालिक बच्चे से काम करवाने के जब ग्राम प्रधान के खिलाफ सारे साक्ष्य तश्वीरो में मौजूद हैं तो आखिर किस बात की जांच होगी। इसी बात को लेकर लोगों में चर्चा बनी हुई है।
एडिटर- आदर्श शुक्ला
9454850936
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