पूर्वोत्तर राज्य असम में भी पहुंचा रेडियो जंक्शन - वर्षा जैन बनीं असम की पहली ट्रांसजेंडर रेडियो एंकर
लखनऊ । ‘रेडियो जंक्शन’ नो मोर टेंशन वेब ब्रॉडकास्टिंग रेडियो के रूप में लखनऊ से शुरू हुआ और कम समय में ही लोकप्रियता हासिल करते हुए पूरे देश में अपनी पहुंच बना रहा है। पूर्वोत्तर राज्य असम में अपनी टीम तैयार कर पूर्वोत्तर राज्य की कला व संस्कृति प्रभारी के रूप में रवि कुमार शुक्ला और ट्रांसजेंडर एंकर के रूप में वर्षा जैन को ज़िम्मेदारी दी गयी है।
वर्षा जैन असम राज्य की पहली ट्रांसजेंडर रेडियो एंकर के रूप में अपनी जिम्मेदारी को लेकर काफी उत्साहित हैं। कई भाषाओं पर अपनी पकड़ रखने के साथ अकाउंटेंट की जॉब करने वाली वर्षा जैन रेडियो के माध्यम से ट्रांसजेंडर वर्ग के साथ समाज के लोगों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करने की तैयारी के साथ रेडियो पर अपनी प्रस्तुति को लेकर बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि मुझे मेरी आवाज़ को लेकर बचपन से लोगों की उलाहना मिलती रही थी ।जन्म एक लड़के के शरीर में लेकिन बड़े होने के साथ हावभाव और आवाज़ बिल्कुल लड़कियों जैसी होती गयी । लोगों के भद्दे कमेंट मन को भीतर से तब छील देते जब किसी से फोन पर बात होती और सुनने वाले साथ के दोस्त या ऑफिस के लोग ये कहते कि लड़कों को पटाने के लिए लड़कियों की आवाज़ निकलकर बात करती है । वर्षा जैन अभी हॉर्मोन थेरेपी ले रही हैं और अभी डॉक्यूमेंट में नाम वही है जो घरवालों ले लड़के के रूप में रखा था। इसलिए ऑफिस में नाम और आवाज़ का तालमेल न दिखना अपने आप में एक बड़ी चुनौती होती है। लेकिन आज रेडियो से जुड़कर अपनी इसी आवाज़ से लोगों के दिलों में जगह बनाने की उम्मीद में फक्र महसूस कर रही हैं। और तमाम ट्रांसजेंडरों के लिए प्रेरणा बनकर बदलाव की आवाज़ बनना चाहती हैं। रेडियो जंक्शन पर कई ट्रांसजेंडर एंकर हैं जिसमें उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद की ऋचा सक्सेना ट्रांसजेंडर प्रोग्राम की हेड हैं और हिंदी भाषी भरत की पहली ट्रांसजेंडर एंकर होने का गौरव उनके नाम है।रेडियो जंक्शन डिजिटल पर बेहतरीन जानकारियों के साथ एंकरों का खूबसूरत अंदाज़ अपनेपन के एहसास से जोड़ने में सफल लगता है। ट्रांसजेंडर वर्ग के मुद्दों पर केंद्रित इस रेडियो की मैनेजिंग डायरेक्टर, फाउंडर व ऑल इंडिया रेडियो की लोकप्रिय रेडियो जॉकी शालिनी सिंह का कहना है कि जब बात मनोरंजन की हो या प्रेरक व्यक्तित्व से समाज को रूबरू कराने की तो किन्नर समाज के लोगों में भी ऐसे लोग हैं जो समाज को जीने की राह दिखा सकते हैं ।समाज की मुख्यधारा से जुड़ना वो भी चाहते हैं , इसलिए उनके हुनर को ही नए तरीके से ट्रेनिंग के माध्यम से प्रोफेशनल बनाकर लोगों के बीच लाना है। ट्रांसजेंडरों की दुनिया मे अब तक नाचना गाना ,बधाई मांगना या वेश्यावृत्ति करना ही भरणपोषण के लिए आमदनी का जरिया रहा है। ट्रांसजेंडर लोगों में डर डर ठोकर खाने के बाद कम्युनिकेशन स्किल काफी बेहतर होती है और बेबाकी से बोलने के साथ अलग क्षेत्रों की भाषा बोली भी सीख जाते हैं ऐसे में यदि एंकरिंग को प्रोफेशनल ढंग से इन्हें सिखा दिया जाए तो रेडियो के माध्यम से लोगों में जागरूकता और जुड़ने के विकल्प के साथ शादी विवाह, रिंग सेरेमनी, जन्मदिन पार्टी के मौकों पर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाकर सम्मान से अपनी आमदनी का विकल्प तलाश सकते हैं । शालिनी कहती हैं कि लोग अब अपने फंक्शन में एंकर की डिमांड करने लगे हैं जिसमे फीमेल की डिमांड अधिक होती है ऐसे में यदि ट्रांसजेंडर एंकर को लोगों के सामने लाया जाए तो लोगों को अपने शुभ कार्य मे इनसे सर्विस लेने में खुशी होगी और ट्रांसजेंडर मांगकर नहीं सम्मान से शुभ मौकों पर अपने कार्य के बदले पैसे लेकर आशीर्वाद देकर आत्मसम्मान के साथ समाज मे अपनी पहचान बना सकेंगे। अब तक समाज किन्नरों को मनोरंजन का माध्यम ही समझता आया क्यों न बदलाव की एक शुरुआत इंटरटेनमेंट के माध्यम से की जाए । ऐसे में वेब रेडियो यानी डिजिटल रेडियो सहज माध्यम दिखा जिसके माध्यम से विश्वव्यापी स्तर पर पहुंच बनाई जा सकती है। ट्रांसजेंडर समुदाय के जो लोग सम्पर्क में हैं वो भी खुश हैं कि उनके इंटरव्यू ,उनकी कहानी कविताएं लोगों तक पहुंच रही हैं । अभी अपने दोस्तों के सहयोग से प्रोग्राम करने के साथ किन्नर समुदाय के लोगों को एक एंकर के रूप में रेडियो पर लाने का प्रयास जारी है
शालिनी सिंह ने 2007 में रेडियो का सफ़र शुरू किया जो अब भी जारी है और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रेडियो जंक्शन को शुरू करके मासकम्युनिकेशन से जुड़े उन तमाम युवाओं के लिए नेतृत्व व प्रेरणादायक कार्य किया है जो पढ़ाई के बाद रेडियो के क्षेत्र में कुछ बेहतर करने की ख्वाहिश रखते हैं। शालिनी रेडियो माध्यम से श्रोताओं की पसन्द बनी रही हैं. वे विभिन्न मुद्दों पर बेबाक लेखन भी करती हैं. सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का काम करती हैं. कार्यक्रम और मंच संचालन में दक्ष हैं.
गौर करने लायक बात ये भी है कि शालिनी ने अपने इस रेडियो की शुरुआत आकाशवाणी के कार्यक्रमों के पारितोषक के रूप में मिले पैसों की पाई-पाई जोड़कर की है। सपनों की उड़ान भरने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और ज़रूरत पड़े तो चलनी में पानी भरना पड़ता है ये बात इनके संघर्ष और जज़्बे को बयान करने के लिए सटीक है।
शालिनी सिंह ने बताया कि रेडियो जंक्शन की शुरुआत का उद्देश्य मानवीय मूल्यों से प्रेरित है.
ट्रांसजेंडर के अधिकारों और हितों को ध्यान में रखने के साथ उनको समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के प्रयास के संकल्प के साथ रेडियो जंक्शन की शुरुआत की गई है.
इस अनूठी पहल का हरओर स्वागत किया जा रहा है. एक तरफ जहां आज रेडियो पूरी तरह बाजारवादी हो गए हैं, ऐसे में सामाजिक सोच के साथ विशेषकर ट्रांसजेंडर और युवाओं के लिए रेडियो जंक्शन की डिजिटल/वेब रेडियो के रूप में शुरुआत एक अच्छा कदम है.
रेडियो जंक्शन सुनने के लिए प्ले स्टोर से “Radio Junction- No More Tension” ऐप डाउनलोड किया जा सकता है.
और इसकी वेबसाइट http//:radiojunction.in पर भी सुना जा सकता है।
एडिटर- आदर्श शुक्ला
9454850936
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