बीकेटी।अवैध रूप से संचालित हो रहा है चखना दुकान,आबकारी विभाग कुम्भकर्णी नीद में
लखनऊ। देशी अंग्रेजी शराब की दुकान लखनऊ के बीकेटी सहित पुरे प्रदेश में उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा संचालित हो रही है। जिसमे बीकेटी में देशी व अंग्रेजी शराब दुकान के पास दर्जन भर की संख्या में अवैध चखना दुकान संचालित कि जा रही हैं। साथ ही अंग्रेजी व देशी शराब दुकान के पास शराब पीने पिलाने का दौर लगातार जारी है। उक्त सड़क काफी व्यस्ततम मार्ग पर है जिस पर राहगीरों का दिन भर आना जाना बना रहता है । जिसके कारण दिनभर वाहनों का आवागमन लगातार रहता है साथ ही स्कूली बच्चे भी उसी मार्ग से आते जाते हैं। अवैध चखना दुकान होने के कारण शराबी ठेके (दुकान )से शराब लेकर चखना दुकान में ही शराब पीने बैठ जाते हैं, जिससे दुर्घटना की प्रबल संभावना रहती है। मार्ग से महिलाओं का निकलना भी दूभर हो गया है। वहां पर स्थित शराब दुकानो के पास नियम विरुद्ध चखना दुकानें काफी वक्त से चलाई जा रही है।जिसकी आखो देखी आबकारी विभाग द्वारा भी की जा चुकी है लेकिन अब तक उन दुकानों पर कोई कार्यवाही नही की गई है, और यदि की भी गई हो तो सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए।नियमानुसार किसी भी शराब दुकान के पास किसी भी प्रकार का चखना दुकान लगाने पर शासन द्वारा पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन शासन के तमाम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उक्त दुकानों में ना सिर्फ पानी पाउच, डिस्पोजल ,, सोडा, चना, मुर्रा चाय नाश्ता की बिक्री की जा रही है, बल्कि शराबियो को स्थान उपलब्ध कराकर शराब परोसी भी जा रही है।
विभाग के मिलीभगत में खेल
दरअसल इस खेल में विभाग के जिम्मेदार भी शामिल है। यही वजह है कि चखना सेंटर चल रहा है। बिना जिम्मेदारों के मिलीभगत के यह संभव ही नहीं कि इन स्थानों पर चखना सेंटर चल सके, जबकि आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी हर रोज शराब दुकानों की जांच करने के लिए आते जाते होंगे, उसके बाद भी वहां चखना सेंटर की अनदेखी करते हैं इससे स्पष्ट हो जाता है की विभागीय अधिकारीयों ने आँख बंद कर लिए है |
आखिर किसके इशारे
बक्शी का तालाब के सरकारी शराब दुकानों में जिस तरह अवैध रूप से अहाता या चखना सेंटर संचालित हो रहे हैं उसके पीछे कहीं न कहीं कुछ रसूखदार लोगो का हाथ है ! इस अवैध कारोबार को पूरी तरह से उनका संरक्षण मिला हुआ है यही कारण है कि आबकारी अधिकारी सब कुछ देखकर भी अनजान बने हुए है ! यहां तक कि अहाता या चखना सेंटर कौन चलाएगा यह भी कुछ छुटभैय्ये तय कर रहे हैं ! ये सब संरक्षण का ही परिणाम है कि जिस नेता या कार्यकर्ता की ज्यादा पहुँच है वह अपने ही नेता या कार्यकर्ता से अहाता छीनने का कारनामा भी कर रहे हैं ! यदि यह अवैध कारोबार इसी तरह चलता रहा तो यह बक्शी का तालाब में कानून व्यवस्था के लिए भी सरदर्द बन सकता है !
एडिटर- आदर्श शुक्ला
मोबाइल - 9454850936
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