बल्लारपुर पेपरमिल में पर्सनल विभाग के अधिकारीयों की चल रही मनमानी

पेपरमिल के अधिकारीयों के कारण अस्थाई (ठेकेदार) कामगारो पर हो रहा अन्याय, राजकीय पक्ष के कामगारो को किया गया स्थाई रुप में शामिल, मैनेजमेंट की लापरवाही

बल्लारपुर। पेपरमिल में पिछले १२, १३ वर्षोसे ठेकेदारी कामगारों को स्थाई रुप में शामिल करने के बजाय बल्लारपुर पेपरमिल कंपनी के अधिकारी आँखों पर काली पट्टी बांधकर बैठे हुये नजर आ रहे हैं। हर साल पेपरमिल से स्थाई कर्मचारी रिटायर होने के बाद ठेकेदारी कामगारों को स्थाई रुप में शामिल किया जाता है। लेकीन कुछ पर्सनल डिपार्टमेंट के अधिकारी अपना मायाजाल बनाने के लालच में मनमानी और गलत तरीके से  जो सिर्फ चार महिने से ठेकेदारी मे लगे ऐसे लोगों को जून २०२२ के यादी मे शामील किया गया फिर पिछले १२ ,१३ साल से जो ठेकेदारी कामगार पुरी मेहनत और लगन से काम कर रहे ओ लोग पिछले कई वर्षो से आशा लगाए बैठे ऐसे लोगों की मेहनत पेपरमिल के अधिकारीयों को दिखाई क्यु नहीं दे रही । पेपरमिल के अधिकारीयों का सच अब आदर्श मिडीया एसोसिएशन केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सामने लेकर आयेगा, सारे सबुत और व्हिडीओ में जो दिखाई दे रहा उसकी जाँघ होगी, किस तरह कामगारो का सोशन हो रहा,?? ऐसे ही एक माजी सरपंच को पेपरमिल कंपनी के मैनेजमेंट ने बिना किसी जाँच के उसे परमनंट करके उसे काम पर लिया गया और जो पिछले १३ वर्षो से नियमित रुप से और पुरी ईमानदारी से काम करने वालों को स्थाई रुप में शामिल करने से टाल रहे थे। बल्लारपुर पेपरमिल के डी जी एम दुरुडकर जी से बातचित/चर्चा करने के सच्चाई से रूबरू करने के बाद भी अधिकारीयों ने १३ वर्षो से काम कर रहे कामगारो को स्थाई रुप में शामील करने के बजाय, सिर्फ राजकीय पक्ष के लोगों को प्राधान्य देने के पिछे की आखीर वजह क्या होगी लगता मायाजाल बटोरने में ही पेपरमिल के अधिकारी मग्न है और यह सच्चाई मिडीया सामने लायेगी । इस विषय पर १८ मई २०२२ को BGPPL पेपरमिल के महा व्यवस्थापक जी को युवा स्वाभिमान पार्टी के माध्यम से पत्र दिया गया था लेकीन अब तक उसका कोई भी जवाब नहीं, यह बात आम जनता को सोचने पर मजबूर कर रही आखीर डीजीएम ने क्यों नहीं अच्छे और इमानदार कामगारों को शामील किया??  क्या बरसो से पेपरमिल में नियमित काम करने वालों की कोई कद्र नहीं ?? या पेपरमिल में पैसो से काम हो रहे जनता और मिडीया के मन में ये सवाल निर्माण हो रहे। ऐसे कितने ठेकेदारी कामगारों पर बरसो से अन्याय होते आ रहा और अधिकारियों को पता नहीं स्थानीक कामगारो को न्याय कब मिलेगा ??? अगला कदम होगा ठेकेदारी कामगारों  के हो रहे सोशन के बारे में केंद्र सरकार को और कपंनी के मालिक को इंटरनेशनल ह्युमन राइटस् कम्यूनिटी इंडिया के माध्यम से शिकायत की जायेगी इसके जिम्मेदार सिर्फ़ पेपरमिल कंपनी के अधिकारी रहेंगे ऐसा प्रिया जी ने बताया है।

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