मृतक रमेश चोथले (उत्तराधिकारी) की पुत्री राजुरा नगर परिषद के कुप्रबंधन के चलते 2005 से अनुकंपा आधार पर नौकरी के इंतजार में थक चुकी स्वाती चोथले ने आदर्श मीडिया एसोसिएशन को सच्चाई सामने लाने में मदद करने हेतु दिया आवेदन ।

प्रिया झाम्बरे की रिपोर्ट
 बामनी निवासी कु. स्वाति ने मदद के लिए आदर्श मीडिया एसोसिएशन से संपर्क किया और बताया की, स्वाति के पिता रमेश चोथले की 2005 में राजुरा नगर परिषद में जलापूर्ति के काम के दौरान मौत हो गई थी।  मौत के एक माह बाद रमेश की पत्नी और स्वाती चोथले की माताजी मंजूषा ने अनुकंपा के आधार पर नगर परिषद में नौकरी के लिए आवेदन किया। 2005 से 2015 तक उनके आवेदन पर ध्यान नहीं दिया गया।  इस अवधि के दौरान, श्रीमती मंजूषा चोथले का स्वास्थ्य उनकी उम्र के साथ साथ घर की परिस्थिति के कारण बिगड़ गया, इसलिए उन्होंने नियमित रूप से वही आवेदन दायर किया और अपनी बेटी स्वाति को नौकरी में शामिल करने की मांग करते हुए एक हलफनामा दायर किया।  फिर नगर परिषद राजुरा ने लड़की का नाम सूची में डाल दिया।  दस्तावेज की त्रुटि को सुधारने के लिए वारिस स्वाति चोथले को पत्राचार किया गया था।  स्वाति ने अकादमिक दस्तावेज जोड़े।  उसके बाद 2017 में नगर निगम के मुख्य अधिकारी श्री बन्नोरे साहब ने  प्रस्ताव लेकर अनुकंपा के आधार पर काम पर नियुक्त करने का आदेश पारित किया गया । आदेश पारित होने से पहले, जनवरी 2017 से मार्च 2018 तक, सुश्री।  स्वाति चोथले आवक एवं जावक विभाग के साथ-साथ कार्यालय अधीक्षक मिश्रा के लिए बिना किसी वेतन के एक वर्ष से कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर कार्यरत थी।  जब स्वाति चोथले व दो अन्य अनुकंपा आवेदकों ने मुख्य अधिकारी बन्नोर, राजुरा को मानदेय के लिए आवेदन किया तो स्वाति चोथले को बिना मानदेय शुरू किये ही नौकरी से निकाल दिया गया.  इन सभी घटनाओं की जानकारी आदर्श मीडिया एसोसिएशन के महाराष्ट्र राज्य सचिव युवराज गजभिये और उनकी मां ने दी।  2 जुलाई 2021 को अपने साथ हुए अन्याय को लेकर स्वाति चोथले ने आदर्श मीडिया एसोसिएशन को लिखित बयान दिया है.  एक बयान प्राप्त किए बिना। नगर निगम राजुरा में पूछताछ करने पर पाया गया कि भर्ती प्रक्रिया अनुकंपा के आधार पर समाहरणालय स्तर पर एवं समाहरणालय से भी की जाती है.  और २००५ से २०२१ की अवधि के बाद यह देखा गया कि नगर परिषद और नगर पंचायत विभाग २०१५ और २०१७ के सरकारी फैसलों को दिखाकर स्वाति को अस्पष्ट जवाब दे रहे हैं।  जब शासनादेश था तो विभाग ने संबंधित आवेदक को पत्राचार के माध्यम से सूचित करने में देरी क्यों की?  महत्वपूर्ण बात यह है कि धोटे साहब, नगर परिषद के मेयर और मुख्य अधिकारी जैसे जिम्मेदार अधिकारियों ने 2017 में नौकरी के लिए आवेदन करने के प्रस्ताव के साथ एक प्रस्ताव क्यों पारित किया ???  ऐसा सवाल बार-बार उठता है।  ऐसा इसलिए है क्योंकि मेयर धोटे साहब और मुख्य अधिकारी बन्नोर साहब ने आदेश पारित करने से पहले 15 सितंबर को एक प्रस्ताव पारित किया है।  जैसा कि 22 सितंबर को फैसला सुनाया गया था, यह पाया गया कि स्वाति चोथले अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए पात्र थीं।  आदर्श मीडिया एसोसिएशन की महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष प्रिया झाबंरे को स्वाति चोथले ने बयान दिया।  बयान लेने के दौरान आदर्श मीडिया एसोसिएशन के कार्यकर्ता युवराज गजभिये और संदीप जागड़कर मौजूद थे।

एडिटर- आदर्श शुक्ला
9454850936

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