अबकारी / बी•के•टी। खुलेआम चल रहा पीने-पिलाने का दौर, बार बने शराब की दुकानें व कार
लखनऊ । वैसे तो शराब व बीयर की दुकानों पर खुलेआम पीने-पिलाने पर पाबंदी है। बावजूद इसके शहर के बीचों बीच से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग के तहसील बक्शी का तालाब के मोड़ के किनारे खुली शराब की दुकानें बार बनी हुई हैं। शहर में इसकी वजह से दुकान की तरफ से गुजरने वाली महिलाओं और युवतियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है। यही नहीं लोग चौक तथा होटलों-ढाबों के सामने सड़क पर कार खड़ी करके खुलेआम शराब पीना शुरू कर देते हैं। ऐसे में शराब के नशे में अक्सर मारपीट करने, हंगामा करने और महिलाओं से बदसलूकी करने की घटनाएं घटित होने का भय बना रहता है।
अबकारी विभाग व पुलिस नहीं करती कार्रवाई
अबकारी विभाग व पुलिस को ऐसे ठिकानों का पता भी है, पर कार्रवाई से वह हिचकती हैं। दुकान संचालकों की मनमानी का आलम यह है, कि वह दुकानों पर बिक्री तो करते ही हैं साथ ही शौकीनों को लुभाने के लिए उनके लिए तमाम सारी सुविधाएं भी उपलब्ध कराते हैं।
दुकान में शराब पिलाने पर है प्रतिबंध
नियम के अनुसार किसी भी दुकान पर चखना की दुकान खोलने का अधिकार नहीं है। साथ ही दुकानों पर शराब पिलाने पर भी प्रतिबंध है। प्रतिबंध के बाद भी उनकी दुकानों पर खाने-पीने के सारे इंतजाम और सुरक्षित स्थान भी मुहैया कराया जाता है।
छापे से पहले पहुंच जाती है खबर
अनाधिकृत रूप से शराब दुकानों पर लगने वाले जमावड़े को दूर करने के लिए कई बार चेकिंग भी होती हैं, लेकिन चेकिंग शुरू होने से पहले ही सूचना पहुंच जाने का चलन खामियों पर पर्दा डालने के लिए भारी होता है।
इन स्थानों की मिल रही शिकायतें
शाम ढलते ही बक्शी का तालाब तहसील मोड़ पर खाने पीने की रेहड़ी लगाने वाले खुलेआम शराब पिलाने लगते हैं। इसी तरह इटौंजा हाईवे पर बने शराब के ठेकों के सामने दोपहर से लेकर रात तक पीने वालों का जमावड़ा लगा रहता है। यही हाल मोहोना रोड पर बने शराब के ठेके का हैं। वहां भी पीने-पिलाने का सिलसिला चलता रहता है।
इनका कहना है-
हमने इसपर अभियान चलाया हुआ है। पिलाने व पीने वाले दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। खुलेआम शराब पीना व पिलाना दोनों कानूनी रूप से गलत है। ऐसा करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। - जिला अबकारी अधिकारी
एडिटर- आदर्श शुक्ला
मोबाइल - 9454850936
Comments
Post a Comment