अल्ट्राटेक सीमेंट आवाळपुर मे कामगारो पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ 4 दिनो से कामगरो का आंदोलन जारी


अल्ट्राटेक सिमेंट कंम्पनी के मैनेजमेंट और ठेकेदारो की मनमानी शासन और हुकुमशाही के कारण कंत्राटी महिला कामगारो को हक्क के लिए रास्ते पर करना पड रहा आंदोलन
अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड आवाळपुर, कोरपना  मे ठेकेदार द्वारा कामगारो  पर अन्याय अत्याचार  किया जा रहा है  इस अत्याचार के खिलाफ   कामगारों का पिछले ५ दिन से आंदोलन जारी होने के बावजूद  कामगारो  के समाधान करने के बजाये अल्ट्राटेक के अधिकारी  आँख बंद कर नजर अंदाज किये हुवे है         कामगारो  का कहेना है की 15 से 20 साल से ज्यादा काम करने के बावजूद  उनके वेतन मे ना तो बढ़ोतरी हुई ना ही मिनिमम  वेजेस के तहत दिया जाता है  औऱ  उसी तरह कामगारो  की सुरक्षा पर भी सवाल उठाते हुवे कहा कि सेफ्टी अधिकारी सुरक्षा पर ध्यान देने के बजाये नये कामगारो के PPEs कीट 4 से 5 महीनों तक नहीं दिया जाता है औऱ 50 से 55 कामगार बिना पचिंग  के कंपनी  मे भेजे जाते है  सुरक्षा कर्मी उन कामगारो को रोकने के बजाये काम पर जाने दिया जाता है अगर उन कामगारो  के साथ दुर्घटना होता है  तो वो रिकॉर्ड मे उनका नाम  नही होगा औऱ ठेकेदार पुराने स्थानिक कामगारो  को 26 दिन काम लेने के बजाये उनसे सिर्फ 9 से 10 दिन काम लेते है जिससे उन का वेतन कम हो जाता है इससे उनका आर्थिक  शोषण होता है और साथ ही में उन्हें जीवन  चलाना परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो चूका है अब देखना होगा स्थानिक कामगारो  की मांग पूरी होती है या उनका शोषण  होता रहेगा ?? कंत्राटी कामगारों पर ना तो सहायक कामगार आयुक्त देवेंद्र कुमार राम ध्यान दे  रहे और ना ही अल्ट्राटेक सिमेंट कंपनी के मैनेजमेंट, स्थानिक कामगारो को काम देने के बजाय बाहर राज्य से कामगारों को लाकर काम कराते है और स्थानिक कामगार और उनके परिवार पर भूखे मरने की नौबत आ रही है। कोई भी कामगार ठेकेदार को या कंपनी को वर्क आर्डर मांगे तो देने से मना करते है। कंपनी के अधिकारी कंपनी के कामगारों शोषण कर रहे हैं। कामगारों का कहना है की अल्ट्राटेक कंपनी ने पाच गाँव को दत्तक लिए है फिर अपने ही गावं के बच्चों को नौकरी पर ना लेते हुये बाहर वालो को नौकरी पर ले रहे। 
      आज जब आदर्श मिडीया एसोसिएशन के पदाधिकारी कामगारो से मिलने गये तब कंपनी के मैनेजमेंट और ठेकेदारो की सच्चाई सामने आयी हैं। अब कामगारों के हित के लिए कामगार आयुक्त और अल्ट्राटेक के मैनेजमेंट ने जनता दरबार लेकर कामगारों की समस्या का समाधान जल्द से जल्द करना चाहिए । आदर्श मिडीया एसोसिएशन के पदाधिकारी जब अल्ट्राटेक कंपनी के पर्सनल विभाग के अधिकारी से इस विषय पर चर्चा कर के उनकी प्रतिक्रिया जानने गये तब उन्होने बात करने से साफ इंन्कार किया है।  आज कंत्राटी महिला कामगार भी अपने अधिकारो के लिए थंड में झुलस रही है। उन्हें महिने की आठ से नऊ ड्युटी मिलती है। ये कंपनी के मैनेजमेंट के लिए शर्म की बात है। जल्द ही कोई ठोस कदम उठाये और कामगारों के मांगो को पुरा करे।

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