कोरोना योद्धा कहलाने की असली हकदार सुमन सिंह रावत हैं
सुमन सिंह रावत जी को मेरा सलाम
यह जो तस्वीरें आप देख रहे हैं उसमे यह सुमन सिंह रावत जी हैं जिन्होंने आज तक जो भी किया है वह समाज के लिए ही किया है , और यह उत्तराखंड से बिलोंग करती हैं ।
अगर यह चाहें तो भगवान का दिया इनके पास इतना कुछ है कि लग्जरी जीवन बिता सकती हैं लेकिन यह हमेशा गरीब असहाय और विछिप्त लोगों की मदद करती आयी हैं। आज यह भैशाकुंड पर मौजूद हैं और इनके पीछे 27 चिताएं रख्खी हुई हैं और इनके साथ मौजूद वह बच्चे खड़े हैं । जो असामी बांग्लादेशी हैं जिन्हे फल और खाने पीने की चीजें बाँट रही है ,
आज वह समय आ गया है जब रिश्तों के कोई मायने नहीं रह गए हैं। कई अपनों ने कोविड से मरे हुए लोगों की लाशों को कंधा देना उनका अंतिम संस्कार करना तो दूर की बात उनका शव लेने से ही इंकार कर दिया और इसमें वह रिश्ते जो किसी के बाप थे किसी की माँ थी तो किसी की बहन या बेटी , तब आज यही बच्चे हैं जो लोगों के शवों को उठाकर और उन्हें चिताओं पर रखने का काम कर रहे हैं और उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
मेरी समझ से कोरोना योद्धा कहलाने के असली हकदार यही हैं ,
मैं सुमन जी और उनके साथ मौजूद लोगों को सलाम पेश करता हूँ ।
एडिटर- आदर्श शुक्ला
9454850936
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